पढ़ें..आखिर क्यों 6 महीने में ही बुआ ने भतीजे को नेशनल कॉर्डिनेटर और उत्तराधिकारी से हटाया
कहीं मायावती भतीजे आकाश के भाजपा पर आक्रमक भाषणों से तो नाराज नही?
नई दिल्ली,Nasir Rana (Shah Times)। बहुजन समाज पार्टी चीफ और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी और राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया है। पिछले साल 10 दिसंबर को मायावती ने 29 साल के आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। लंदन से एमबीए करने वाले आकाश की 7 साल पहले सियासी लॉन्चिंग हुई थी। आकाश हाल ही में तब चर्चा में आए थे, जब उनके खिलाफ यूपी के सीतापुर में आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया। आकाश ने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की तुलना तालिबान से की थी।
खुद मायावती ने आकाश को आगे बढ़ाया। सात साल तक राजनीति के गुर सिखाए और इस लोकसभा चुनाव में बड़े नेता के तौर पर लॉन्च किया था अब अचानक आकाश आनंद पर एक्शन होने से सियासी गलियारों में चर्चाएं भी तेज हो गई हैं।
हालांकि, मायावती ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने यह निर्णय पार्टी और मूवमेंट के हित में और आकाश में पूर्ण परिपक्वता आने तक इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर मायावती ने इतना बड़ा फैसला क्यों लिया? इसके पीछे मुख्य वजह आकाश आनंद के आक्रमक तेवरों को भी माना जा रहा है। चूंकि, बसपा प्रमुख मायावती के बारे में कहा जाता है कि वे किसी भी विरोधी दल के नेता के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने से परहेज करती हैं। वे सधी हुई भाषा में अपनी बात रखती हैं और मुद्दों को लेकर विरोधी खेमे की घेराबंदी करती हैं. इसके उलट पहली बार लोकसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए मैदान में उतरे आकाश आनंद के आक्रामक तेवर और विरोधी दलों के खिलाफ टिप्पणियां चर्चा में आ गईं।
आकाश के जोशीले अंदाज के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने लगे। इस बीच, 28 अप्रैल को आकाश आनंद समेत चार अन्य लोगों के खिलाफ सीतापुर में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया। आकाश पर आरोप है कि उन्होंने चुनावी भाषण के दौरान भड़काऊ और हिंसा उकसाने वाली टिप्पणियां की हैं। आकाश के भाषण पर जिला प्रशासन ने स्वत: संज्ञान लिया और कार्रवाई की। नए-नए राजनीति में आए आकाश आनंद के खिलाफ यह पहला आपराधिक मामला लिखा गया है।