नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामले में सुनवाई सोमवार को सात अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।
विशेष न्यायाधीश (सांसद/विधायक मामले) विकास ढुल ने सीबीआई मामले में सुनवाई के बाद कहा, “09 जून को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-विशेष न्यायाधीश (PC Act), आरएडीसी (RADC), नयी दिल्ली से आदेश प्राप्त हुआ है। उसी के अनुसार इस अदालत के समक्ष सुनवाई पर 31 जुलाई तक रोक लगा दी गई है।” न्यायाधीश ने कहा कि मामला अब आगे की सुनवाई के लिए सात अगस्त को निर्धारित किया जाएगा।
वहीं, ईडी (ED) मामले में सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश ने कहा, “ईडी के लिए एलडी एसपीपी द्वारा किए गए विरोध के बावजूद इस अदालत का मानना है कि दायर स्थानांतरण आवेदन के आलोक में मामले को 31 जुलाई के बाद किसी भी तारीख के लिए स्थगित करने की आवश्यकता है।” उन्होंने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि विधेय अपराध में, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-विशेष न्यायाधीश (PC Act) (CBI), आरएडीसी (RADC), नयी दिल्ली ने 31 जुलाई तक कार्यवाही पर रोक लगा दी है। इसे मद्देनजर मामला आगे की कार्यवाही सात अगस्त तक के लिए स्थगित की जाती है।
दैनिक शाह टाइम्स के ई-पेपर पढने के लिए लिंक पर क्लिक करें
वहीं जैन की ओर से अदालत में पेश वकील ने कहा कि उनके स्थानांतरण आवेदन को 31 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। तदनुसार, 31 जुलाई के बाद किसी भी तारीख के लिए स्थगन की प्रार्थना की गई है प्रवर्तन निदेशालय के विशेष लोक अभियोजक एन.के. मट्टा ने इस आधार पर स्थगन का विरोध किया कि एलडी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-विशेष न्यायाधीश, नयी दिल्ली की अदालत द्वारा कोई रोक नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रतिवादी द्वारा किसी न किसी बहाने से स्थगन की मांग की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि जैन ने राउज़ एवेन्यू डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, नयी दिल्ली के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-विशेष न्यायाधीश (CBI) के पीठासीन अधिकारी विनय कुमार गुप्ता के समक्ष एक आवेदन दायर कर अपने मामले को किसी अन्य न्यायाधीश के पास स्थानांतरित करने की मांग की है। जैन ने सीबीआई और ईडी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज दो मामलों को किसी अन्य न्यायाधीश के पास स्थानांतरित करने की मांग करते हुए आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 408 के तहत एक आवेदन दायर किया था।