क्या आयरन डोम फेल हो गया?, ईरान और इजरायल के दावों में क्या है सच्चाई…

क्या आयरन डोम फेल हो गया?, ईरान और इजरायल के दावों में क्या है सच्चाई…

तेल अवीव (Shah Times) जैसे ही ईरान में इजरायल पर हमला किया तो कई ऐसे सवाल हैं जो अब लोगों के जहन में आ रहे हैं। सवाल है क्या आयरन डोम फेल हो गया है। क्योंकि जो ईरान ने हमला किया उसके कई मायने निकल कर सामने आ रहे हैं।

फिर से युद्ध का खतरा

गाजा युद्ध का दंश झेल रहे पश्चिम एशिया के एक और मोर्चे पर वार-पलटवार तेज हो गया है। हिजबुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला के मारे जाने के बाद ईरान भड़का हुआ था। आखिरकार उसने मंगलवार रात इस्राइल पर 200 से अधिक मिसाइलें दाग दीं। हालांकि, इस्राइल के आयरन डोम ने ईरानी हमले को बुरी तरह असफल कर दिया।

मिसाईलों की बोछार

सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में तेल अवीव और यरुशलम के आसमान में मिसाइलों की बौछार दिखाई दे रही है, जिनमें से कुछ ने इजराइल के उन्नत आयरन डोम रक्षा प्रणाली को भेद दिया है। देश भर में विभिन्न स्थानों पर रोकी गई मिसाइलों का मलबा गिरता हुआ देखा गया।

ईरान ने दागी 200 मिसाईलें

ईरान ने कथित तौर पर मंगलवार शाम को इजराइल में लगभग 200 मिसाइलें दागीं। कहा जाता है कि यह हमला हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की हत्या के प्रतिशोध में किया गया था, जिससे इजराइल, ईरान और उसके सहयोगियों के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष में और तेज़ी आई। इजराइली शहरों में हवाई हमले के सायरन बजने लगे, क्योंकि निवासियों ने शरण ली, जबकि इजराइल ने अपनी मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली को सक्रिय कर दिया।

इज़राइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने दी प्रतिक्रिया?

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक सुरक्षा कैबिनेट बैठक के दौरान कहा, “ईरान ने आज रात एक बड़ी गलती की, और उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।” पीएम ने एक्स पर पोस्ट किया, “ईरान में शासन खुद की रक्षा करने के हमारे संकल्प को नहीं समझता है।”

मिसाइल हमले लेबनान में हाल ही में इज़राइली सैन्य कार्रवाइयों के जवाब में किए गए, जिसमें हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की हत्या करने वाला हवाई हमला और सीमा पार जमीनी अभियान शामिल हैं।

इज़राइल की आयरन डोम प्रणाली, जिसे यू.एस. समर्थन के साथ राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम द्वारा विकसित किया गया है, 2011 में चालू हुई। यह 4 से 70 किलोमीटर की दूरी वाले रॉकेट हमलों से बचाव में सहायक रही है। हालाँकि शुरू में इसका उद्देश्य कम दूरी के रॉकेटों से बचाव करना था, लेकिन तब से इस प्रणाली की क्षमताओं का विस्तार किया गया है।

कब इजरायल ने लगाया आयरन डोम?

आयरन डोम एक मोबाइल और स्वायत्त प्रणाली है, जिसे पहली बार 2011 में इजरायल के रक्षा मंत्रालय द्वारा पेश किया गया था। इसकी खासियत यह है कि यह दुश्मन की मिसाइलों और रॉकेटों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम है। आयरन डोम में रडार सिस्टम, नियंत्रण केंद्र और इंटरसेप्टर मिसाइलें शामिल हैं। जब कोई मिसाइल लॉन्च होती है, तो रडार उसे ट्रैक करता है और नियंत्रण केंद्र तय करता है कि क्या उसे इंटरसेप्ट करना चाहिए या नहीं। यदि खतरा गंभीर होता है, तो इंटरसेप्टर मिसाइल उसे नष्ट कर देती है।

अन्य देशों में भी किया जा सकता है लागू

आयरन डोम प्रणाली महज इजरायल की सुरक्षा का एक साधन नहीं है, बल्कि ये एक सामरिक टूल भी है जिसे दूसरे देशों में भी लागू किया जा सकता है। अमेरिका ने इजरायल को इस प्रणाली के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है। हाल ही में अमेरिकी सीनेट ने आयरन डोम के लिए अतिरिक्त वित्तीय समर्थन को मंजूरी दी, जिससे इस प्रणाली के कार्यान्वयन में सहायता मिली है।

क्या होता है आयरन डोम

आयरन डोम को कम दूरी के हथियारों से सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सभी मौसम की परिस्थितियों में काम करता है। यह राकेटों को ट्रैक करने के लिए राडार का उपयोग करता है और उन राकेटों के बीच अंतर कर सकता है जो निर्मित क्षेत्रों पर हमला करने की संभावना रखते हैं और जो नहीं करते हैं। इंटरसेप्टर मिसाइलों को केवल उन राकेटों पर दागा जाता है जो आबादी वाले क्षेत्रों पर हमला करने की संभावना रखते हैं। इस सिस्टम में इजराइल भर में स्थित बैटरियाँ शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में तीन से चार लॉन्चर हैं जो 20 इंटरसेप्टर मिसाइलें दाग सकते हैं। सिस्टम के स्थिर और मोबाइल दोनों संस्करण हैं।

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