हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को टिकट वितरण में पूरी छूट दी गई थी और वह लगातार कांग्रेस आलाकमान को आश्वस्त कर रहे थे कि पार्टी हरियाणा में जीत रही है।
हरियाणा,(Shah Times) । हरियाणा में मिली शिकस्त से कांग्रेस आलाकमान काफी ख़फ़ा है और पार्टी के अंदर काफी गौर फ़िक्र चल रहा है। इन सबके दरमियान कांग्रेस के हरियाणा इंचार्ज दीपक बाबरिया ने इस्तीफे की पेशकश की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका कहना है कि यह जिम्मेदारी अब किसी और को दी जानी चाहिए।
हरियाणा विधानसभा शिकस्त के बाद कांग्रेस के अंदर काफी उथल-पुथल मची हुई है और अब इस्तीफों का दौर भी शुरू हो गया है। हार की जवाबदेही को लेकर जहां सवाल उठ रहे हैं, वहीं पार्टी हाईकमान का कहना है कि वे हार के वजह का जायजा कर रहे हैं और कई मसलों को लेकर इलेक्शन कमीशन से भी मुलाकात की है।
जानकारी के मुताबिक पार्टी के हरियाणा इंचार्ज दीपक बाबरिया ने इस्तीफे की पेशकश की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनका कहना है कि यह जिम्मेदारी अब किसी और को दी जानी चाहिए।
दीपक बाबरिया ने कहा कि उन्होंने पिछले हफ्ते हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की शिकस्त के फौरन बाद पार्टी आलाकमान को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने अभी तक रिजाइन लेटर का जवाब नहीं दिया है।
नतीजों के बाद मैंने इस्तीफा देने की पेशकश की थी। मैंने हाईकमान से कहा था कि वे मेरी जगह किसी और को तैनात कर सकते हैं। मेरे स्वास्थ्य और नतीजों के मद्देनजर मेरी नैतिक जिम्मेदारी के वजह, मैंने हाईकमान को आगाह किया था कि यदि वे इसे मुनासिब समझते हैं, तो वे मेरी जगह किसी और को अप्वाइंट कर सकते हैं।
हरियाणा में मिली हार से कांग्रेस आलाकमान काफी परेशान है और पार्टी के अंदर ग़ौर फ़िक्र चल रहा है। हर उम्मीदवार से मिलकर हार के वज़ह पर चर्चा करने के लिए एक टीम भी बनाई गई है। सवाल यह है कि कांग्रेस से कहां गलती हुई और हार के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए?
चर्चा चल रही है कि हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को टिकट बंटवारे में खुली छूट दी गई थी और वे लगातार आलाकमान को भरोसा दिला रहे थे कि पार्टी हरियाणा में जीत दर्ज कर रही है। हरियाणा में भाजपा ने 90 विधानसभा में से 48 पर जीत दर्ज की है, जो 2014 के प्रदर्शन से बेहतर है, जब उसने 47 सीटों के साथ पहली बार हरियाणा में सरकार बनाई थी।