मुजफ्फरनगर (Shah Times) । जेफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton) का नाम आपने शायद ना सुना हो, लेकिन Artificial intelligence (AI) की दुनिया में उन्हें ‘गॉडफादर ऑफ एआई’ से जाना जाता है।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पायनियर माने जाने वाले जेफ्री हिंटन ने गूगल से इस्तीफा दे दिया है।
‘गॉडफादर ऑफ एआई’ कहे जाने वाले हिंटन ने को गूगल छोड़ने की तस्दीक की। उन्होंने कहा कि जिस तकनीक को ईजाद करने में मदद की, उसके ‘खतरों’ को लेकर खबरदार करते हुए उन्होंने पिछले हफ्ते गूगल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
जेफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तरक्की में अहम किरदार निभाया था है। एआई आधारित कई प्रोडक्ट को विकसित करने में जेफ्री हिंटन का लीड रोल रहा है उन्होंने गूगल के एआई डेवलप करने के प्रोजेक्ट के लिए एक दशक तक काम किया, लेकिन उन्हें टेक्नोलॉजी और इसे आगे बढ़ाने में अपने किरदार के बारे में बैचनी सता रही थी। उन्होंने अपने काम पर पछतावा भी जाहिर किया है।
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जेफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton) ने AI चैटबॉट्स को लेकर कुछ बेहतर खौफ़नाक खतरों के बारे में बताया है. उन्होंने कहा, ‘जहां तक मैं कह सकता हूं, फिलहाल वे हमसे ज्यादा काबिल और जहीन नहीं हैं. लेकिन मेरा यकीन है कि वे जल्द ही हो जाएंगे.’
जेफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton) ने डीप लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क पर रिसर्च ने ही आज के पॉपुलर AI सिस्टम की बुनियाद रखी है. ChatGPT जैसे पॉपुलर AI बॉट्स तक का रास्ता जेफ्री हिंटन ने खोजा था. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि चैटबॉट्स जल्द ही इंसानी दिमाग की जानकारी से लेवल को पार कर लेंगे.
जेफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton) ने कहा, ‘फिलहाल हम GPT-4 जैसी चीजें देख रहे हैं, जो जनरल नॉलेज के मामले में एक आम आदमी को मात दे सकते हैं. हालांकि, ये रीजनिंग के मामले में उतने बेहतर नहीं हैं, लेकिन ये सिंपल रीजनिंग जरूर कर रहे हैं.’ उन्होंने बताया, ‘प्रोग्रेस के रेट को देखने हुए उम्मीद है कि चीजें तेजी से बेहतर होंगी. इसलिए हमें इसके बारे में गौर और फ़िक्र करने की जरूरत है.’
जेफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton) ने चिंता जाहिर की है कहा ने बुरे इंसानों की बात करते हुए कहा की वो Artificial intelligence (AI) का इस्तेमाल बुरी चीजों के लिए कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ये बहुत बुरे सिनेरियो में होगा. हिंटन ने कहा कि आप तसस्वुर कीजिए कि किसी रोज कोई बुरा शख्स रोबोट्स को अपने गोल्स क्रिएट करने की कैपिसिटी दे देता है. ये AI रोबोट्स खुद को और ज्यादा पावरफुल बनाने का सब-गोल्स सेट कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैं इस कंक्लुजन पर पहुंचा हूं कि हम जिस तरह की इंटेलिजेंस को डिवेलप कर रहे हैं, ये उससे बहुत अलग है, जो हमारे पास है. हम बायोलॉजिकल सिस्टम हैं और ये डिजिटल सिस्टम.
जेफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton) कहा कि दोनों में सबसे बड़ा अंतर है कि डिजिटल सिस्टम में आप उस जैसी कई कॉपी बना सकते हैं. ये कॉपी अलग-अलग चीजें एक ही वक्त पर अलग-अलग सीख सकते हैं, लेकिन ये एक दूसरे से जानकारी शेयर भी कर सकते हैं. मतलब जैसी ही एक कॉपी कुछ सीखती है, दूसरे अपने आप उस चीज को सीख जाएंगे. इस तरह से ये चैटबॉट्स एक इंसान से ज्यादा जान जाएंगे।
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