नाले का पानी गंगा में डलने से दूषित हो रहा है जल
(शाह टाइम्स संवाददाता, रोबिन शर्मा गढ़मुक्तेश्वर)
नगर के नयाबांस गांव में बनाई गई एसटीपी (stp) के बंद होने और अधिकारियों की अनदेखी से गंगा (ganga) मैली हो रही है। क्योंकि आबादी का गंदा पानी सीवर लाइन से होकर नाले में डल रहा है जो गंगा की जलधारा में मिलकर केंद्र सरकार की मंशा को ठेंगा दिखा रहा है। इसको लेकर अधिकारी गंभीर नहीं है।
नगर के नयाबांस में करोड़ों की लागत वाली एसटीपी योजना 10 साल बाद भी गढ़-बृजघाट में पूरी तरह परवान नहीं चढ़ पाई है। क्योंकि सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पिछले कई दिनों से बंद पड़ा हुआ है। जबकि नगर के घरेलू कनेक्शनों को सीवर लाइन से जोड़ का काम भी अधर में अटका हुआ है जिसके कारण आबादी का लाखो लीटर दूषित पानी गंगा में गिरकर केंद्र सरकार की चलाई जा रही नमामि गंगे जैसी योजनाओं की मंशा की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ा रहा है। नियमों के अनुसार आबादी का गंदा पानी सीवर लाइन के माध्यम से ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचना अनिवार्य है। जो वहां से साफ सुथरा होने के बाद ही गंगा में डालना चाहिए। लेकिन पिछले काफी समय से बंद पड़ा एसटीपी प्लांट अधिकारियों के नियमों की अनदेखी कर, खुली धोखाधड़ी की जा रही है। जबकि नगर के गंगा की ओर जाने वाले नाले से पानी गंगा की ओर चल रहा है। वही दूषित पानी गंगा की जलधारा में मिलता हुआ, गंगा में गिरकर मोक्षदायिनी की जलधारा को फिर से निर्मल और अविरल बनाने को राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही मोदी सरकार की कवायद को ठेंगा दिखाने का काम कर रहा है।
— एसडीएम गढ़ अंकित वर्मा ने बताया कि एसटीपी के बंद होने की जानकारी नहीं है संबंधित विभाग के अधिकारियों से वार्ता कर शीघ्र ही प्लांट को चालू कराया जाएगा। किसी भी सूरत में दूषित पानी को गंगा में नहीं डालने दिया जाएगा, ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।