यमुना नदी प्रणाली के जलग्रहण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्से शामिल
दिल्ली । राजधानी दिल्ली (Delhi) में एक बार फिर बाढ़ के खतरा के सायरन बजने लगा है। मंगलवार की शाम यमुना नदी का वाटर लेवल खतरे के निशान को पार कर गया। केंद्रीय जल आयोग (CWC) के मुताबिक, मंगलवार की रात 10 बजे, पुराने रेलवे पुल के पास यमुना (Yamuna) का वॉटर लेवल 205.47 मीटर पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर ही है।
केंद्रीय जल आयोग (CWC) के मुताबिक पहाड़ी इलाकों में यमुना (Yamuna) के कैचमेंट एरिया में पिछले दो दिनों से काफी बारिश हो रही है और इसकी वजह से यमुना नदी (Yamuna River) का पानी बढ़ता जा रहा है। बता दें कि यमुना नदी प्रणाली के जलग्रहण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश (UP), उत्तराखंड (UK), हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh), हरियाणा (Haryana), राजस्थान (Rajasthan), मध्यप्रदेश (MP) और दिल्ली (Delhi) के कुछ हिस्से शामिल हैं। पहाड़ी इलाकों में बारिश की वजह से हरियाणा के यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से 75,000 क्यूसेक तक पानी छोड़ा जा रहा है, जो 26 जुलाई के बाद सबसे अधिक है।
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केंद्रीय जल आयोग (CWC) के पांच दिवसीय बाढ़ पूर्वानुमान से पता चलता है कि यही हालत रही, तो जल्द ही यमुना का जल स्तर 205 मीटर के पार चला जाएगा। कुछ दिनों पहले ही यमुना ने अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया और इसका पानी दिल्ली के भीतरी क्षेत्रों तक पहुंच गया था। इसकी वजह से करीब 30 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसके अलावा संपत्ति, कारोबार आदि के लिहाज से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।
बता दें कि बारिश के कारण अधिकांश नदियां उफान पर हैं और टिहरी (Tehri), हरिद्वार (Haridwar) तथा ऋषिकेश (Rishikesh) में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। देहरादून (Dehradun) में आपदा नियंत्रण कक्ष ने बताया कि प्रदेश के रूद्रप्रयाग, श्रीनगर और देवप्रयाग में अलकनंदा, मंदाकिनी और गंगा नदी खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश हो रही है और अगले कुछ दिनों तक राहत की संभावना भी नहीं है।