सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए चयनित उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के संबंध में विस्तृत और गहन जांच की गई।
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नई दिल्ली, (शाह टाइम्स)। आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की शिकायत पर की गई है। खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी पहचान का उपयोग करके यूपीएससी परीक्षा दी। यूपीएससी की जांच में खुलासा हुआ है कि इस ट्रेनी आईएएस अधिकारी ने दस्तावेजों में जालसाजी करके नियमों के अनुसार निर्धारित प्रयासों से अधिक बार परीक्षा दी है।
जांच के अनुसार, पूजा खेडकर ने अपने नाम, माता-पिता के नाम, सिग्नेचर, ईमेल आईडी, फोटोग्राफ, मोबाइल नंबर और घर के पते में बदलाव किया। यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए उनकी उम्मीदवारी रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं में उन्हें शामिल होने से रोकने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
विस्तृत जांच और आरोप
यूपीएससी के आधिकारिक बयान के अनुसार, सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए चयनित उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के संबंध में विस्तृत और गहन जांच की गई। इसमें पाया गया कि खेडकर ने अपना नाम, माता-पिता का नाम, तस्वीर/हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर पहचान छिपाई और परीक्षा नियमों के तहत अनुमेय सीमा से अधिक प्रयासों का लाभ उठाया।
अतिरिक्त आरोप
पूजा खेडकर पर पुणे में अपने प्रशिक्षण के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने और सिविल सेवा में चयन के लिए फर्जी प्रमाणपत्रों का उपयोग करने का भी आरोप है। यूपीएससी की जांच के परिणामस्वरूप, आयोग ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर और यूपीएससी द्वारा उठाए गए कदम से स्पष्ट है कि परीक्षा प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ इस मामले की जांच जारी है, और दोष सिद्ध होने पर उन्हें कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है।