डॉ. अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि हम कई सालों से यह देख रहे हैं और पाकिस्तान के हुक्मरानों से कहना चाहते हैं कि अगर भारत के साथ रिश्ते ठीक करने हैं, तो यह सब बंद होना चाहिए। उन्होंने शांति और सम्मान के साथ जीने की अपील की और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
श्रीनगर (Shah Times): कश्मीर में हुई हत्याओं को लेकर हर कोई निशब्द है। इस पर आज फारूक अब्बदुल्लाह ने भी चुप्पी तोड़ी जो फारूक कभी पाकिस्तान से बातचीत की बात करते थे आज पाकिस्तान पर जमकर बरसे हैं। उन्होंने पाकिस्तान को जमकर खरीखोटी सुनाई है।
पाकिस्तान के खिलाफ जंग की बात कही
डॉ. अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि हम कई सालों से यह देख रहे हैं और पाकिस्तान के हुक्मरानों से कहना चाहते हैं कि अगर भारत के साथ रिश्ते ठीक करने हैं, तो यह सब बंद होना चाहिए। उन्होंने शांति और सम्मान के साथ जीने की अपील की और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
यह बोले फारूक
उन्होंने कहा कश्मीर पाकिस्तान नहीं बनेगा। बाहरी श्रमिकों का उल्लेख करते हुए कहा कश्मीर में जो बाहरी मजदूर कमाने आते हैं और अपने परिवार को दो पैसे कमा कर भेजते हैं इन दरिंदों ने कल उन्हें शहीद कर दिया। इसमें हमारे एक डॉक्टर भी शामिल हैं, जो लोगों की सेवा करते हैं।
यह है टीआरएफ का लक्ष्य
टीआरएफ को फाइनेंसिशयल एक्शन टास्क फोर्स की कार्रवाई से बचने के लिए बनाया गया था। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे सूची में रखा था। इसके साथ ही उस पर कई प्रतिबंध भी लगाने शुरू कर दिए थे, जिसके बाद टीआरएफ अस्तित्व में आया। इसका मकसद घाटी में फिर से 1990 वाला दौर वापस लाना है। टीआरएफ का मुख्य उद्देश्य लश्कर-ए-तैयबा मामले में पाकिस्तान पर बढ़ते दबाव को कम करना व कश्मीर में स्थानीय आतंकवाद को बढ़ावा देना है।
ऐसे बनाते हैं आतंकी निशाना
आपने बीते कुछ महीनों में कश्मीर में टारगेट किलिंग के कई मामले देखे होंगे। इनमें से अधिकतर के पीछे टीआरएफ का ही हाथ था। टीआरएफ के हैंडलर सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। इसके साथ ही वे सोशल मीडिया पर कश्मीर के अंदर होने वाली हर राजनीतिक, प्रशासनिक व सामाजिक गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखते हैं।