दून विश्वविद्यालय में उत्तराखंड राज्य के लिए पहली डीएसटी-पर्स लैब की स्थापना

Lieutenant General Gurmit Singh

दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ सुरेखा डंगवाल ने राज्यपाल से मुलाकात कर दी जानकारी

भारत सरकार के सहयोग से हुई है स्थापना

रिपोर्ट-एस.आलम अंसारी 

देहरादून।  राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि)(Lieutenant General Gurmit Singh) से सोमवार को राजभवन में दून विश्वविद्यालय(Doon University) की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने भेंट कर दून विश्वविद्यालय में भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के लिए पहली डीएसटी-पर्स लैब की स्थापना के सम्बन्ध में जानकारी दी। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर कुलपति सहित विश्वविद्यालय परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह न केवल दून विश्वविद्यालय के लिए बल्कि पूरे उत्तराखण्ड राज्य के लिए गर्व की बात है कि विश्वविद्यालय को डीएसटी-पर्स लैब की स्थापना के लिए चयनित किया गया है। उन्होंने कहा कि डीएसटी-पर्स लैब की स्थापना, विश्वविद्यालय में रिसर्च और नवाचार के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार  के लिए  सहायक होगी।  कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने राज्यपाल को बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार ने दून विश्वविद्यालय(Doon University), देहरादून(Dehradun) में उत्तराखण्ड(Uttarakhand) राज्य के लिए पहली डीएसटी पर्स (पीयूआरएसइ) लैब स्थापित करने की मंजूरी दी है।

Shah Times Dehradun 7 August 23 E-PAPER 

डी०एस०टी० द्वारा अभी तक इस प्रतिष्ठित पर्स (पीयूआरएसइः प्रमोशन आफ युनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्ससेलेंस) योजना के तहत अनुदान के लिए उत्तराखण्ड राज्य में किसी भी संस्थान का चयन नहीं किया है। दून विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड राज्य का पहला विश्वविद्यालय बन गया है जिसमें इस प्रतिष्ठित डीएसटी-पर्स लैब की स्थापना की जाएगी। यह पर्स अनुदान इतना प्रतिष्ठित है कि पूरे उत्तर प्रदेश में केवल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बी०एच०यू०) ही प्राप्त करने में सफल रहे हैं।  03 अगस्त 2023 को डीएसटी ने अपनी इस योजना के तहत सॉफिस्टिकेटेड इंस्ट्यूमेंटल फैसिलिटीज बनाने के लिए दून विश्वविद्यालय देहरादून को लगभग 06 करोड़ का अनुदान देने की आधिकारिक घोषणा की है।

कुलपति ने बताया कि पर्स(पीयूआरएसइ) योजना के तहत भारत सरकार प्रस्ताव आमंत्रित करती है और एक बहुत ही कठोर और प्रतिस्पर्धी माध्यम से विश्वविद्यालयों को अनुदान (ग्रांट) प्रदान करती है। इस योजना के तहत, आवेदक विश्वविद्यालयों को अनुसंधान (रिसर्च) प्रस्ताव, एस०सी०आई० जर्नल में प्रकाशित शोध पत्रों, एच इंडेक्स, आई-10 इंडेक्स, रिसर्च क्रेडेंशियल और रिसर्च आउटपुट के संदर्भ में निर्धारित पात्रता मानदंडों के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जाता है। फरवरी 2023 में, भारत(India) के विभिन्न हिस्सों से, लगभग 70 विश्वविद्यालयों ने डी०एस०टी० को अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किए। जुलाई 2023 में दून विश्वविद्यालय द्वारा गुवाहाटी विश्वविद्यालय, गुवाहाटी में पर्स के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट बोर्ड के समक्ष एक प्रेजेंटेशन दी। डीएसटी द्वारा 03 अगस्त 2023 को परिणाम घोषित किया गया जिसमें दून विश्वविद्यालय डी०एस०टी० पर्स अनुदान प्राप्त करने में सफल रहा।

शाह टाइम्स की ताज़ा खबरों और ई – पेपर के लिए लॉगिन करें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here