प्रशांत किशोर ने मनोज भारती को जन सुराज पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। वे आईआईटी कानपुर से पढ़े हैं और आईएफएस अधिकारी रह चुके हैं। वे म्यांमार, तुर्की, नेपाल, नीदरलैंड, ईरान जैसे कई देशों में भारत के राजदूत भी रह चुके हैं।
पटना,(Shah Times) । चुनाव रणनीतिकार और जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर ने गांधी जयंती पर अपनी राजनीतिक पार्टी जन सुराज पार्टी का आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया है।
अपनी पार्टी का शुभारंभ करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “जन सुराज अभियान 2-3 साल से चल रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि हम कब पार्टी बनाएंगे। हम सभी को भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहिए कि आज चुनाव आयोग ने आधिकारिक तौर पर जन सुराज को जन सुराज पार्टी के रूप में स्वीकार कर लिया है।”
प्रशांत किशोर पिछले काफी समय से बिहार में पदयात्रा कर रहे थे। प्रशांत किशोर ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी का नाम जन सुराज पार्टी रखा है।
इस मौके पर उन्होंने लोगों से कहा, “अगर हम बिहार में विश्वस्तरीय शिक्षा व्यवस्था बनाना चाहते हैं तो हमें पांच लाख करोड़ रुपए चाहिए।”
उन्होंने कहा, “शराबबंदी हटाई जाएगी और शराब पर लगने वाले टैक्स का पैसा बजट में नहीं जाएगा, नेताजी की सुरक्षा पर खर्च नहीं होगा। सड़क, पानी और बिजली पर खर्च नहीं होगा। शराबबंदी पर लगने वाले टैक्स का सारा पैसा अगले बीस साल के लिए नई शिक्षा व्यवस्था बनाने में खर्च किया जाएगा।” प्रशांत किशोर ने कहा, “शराबबंदी की वजह से हर साल 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है।”
मनोज भारती ने नेतरहाट से स्कूल की पढ़ाई की. वे IIT कानपुर से पासआउट हुए और IIT दिल्ली से उन्होंने M.Tech की. इसके बाद उनका 1988 में IFS में सिलेक्शन हुआ. भारतीय विदेश सेवा में रहते हुए मनोज भारती चार देशों में राजदूत रहे हैं. उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं.
भारतीय विदेश सेवा में रहते हुए वह यूक्रेन, बेलारूस, तिमोर-लेस्ते और इंडोनेशिया में भारत के राजदूत थे. तिमोर लेस्ते में राजदूत नियुक्त होने से पहले भारती ने विदेश मंत्रालय में सचिव-प्रशासन के रूप में कार्य किया. उन्होंने सितंबर 2015 से अक्टूबर 2018 तक यूक्रेन में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर कुमार मिश्रा ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है। बुधवार को जारी बयान में भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रशांत किशोर राजनीति में व्यवसायिकता का नया चेहरा हैं। ऐसे लोग राजनीति का व्यवसायिकरण करना चाहते हैं, जबकि राजनीति की मूल भावना जनसेवा होनी चाहिए। पीके की राजनीतिक यात्रा स्वार्थ और व्यवसायिक हितों पर आधारित है और ‘जन सुराज’ पार्टी झूठ और भ्रम का एक और प्रयास मात्र है। प्रशांत किशोर का असली लक्ष्य अपने व्यवसायिक हितों को साधना है। जनसेवा से उनका कोई लेना-देना नहीं है। एक राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर पीके अपने वादों से दूर रहे हैं, उन्हें बताना चाहिए कि क्या वह एक राजनेता के तौर पर भी पहले की तरह व्यवहार करेंगे और जनता से किए गए वादों को उसी तरह भूल जाएंगे।
पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी के नाम का ऐलान किया. काफी समय से इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि प्रशांत किशोर अपनी पार्टी का नाम क्या रखेंगे, लेकिन जिस तरह से जन सुराज का प्रचार किया जा रहा था, उससे लग रहा था कि वह जन सुराज से जोड़कर ही पार्टी का नाम रखने वाले हैं. वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, ‘अगर बिहार को विश्वस्तरीय शिक्षा व्यवस्था बनानी है तो उसे अगले 10 सालों में 5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है. जब शराबबंदी हट जाएगी तो वह पैसा बजट में नहीं जाएगा और न ही नेताओं की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होगा, न ही सड़क, पानी और बिजली के लिए इस्तेमाल होगा. इसका इस्तेमाल सिर्फ बिहार में नई शिक्षा व्यवस्था बनाने में किया जाएगा.’ उन्होंने कहा, शराबबंदी से बिहार को हर साल 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।