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दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका पर गहराया इकोनॉमिक क्राइसिस

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क्या दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका बेहाल हो जाएगा ?

दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका पर गहराया इकोनॉमिक क्राइसिस …… अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ साथ ने अमेरिकी ट्रेजरी ने भी किया था खबरदार ?

क्या दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका बेहाल हो जाएगा ?

दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क कहा जाने वाला अमेरिका इकोनॉमिक तौर से खुशहाल मुल्कों में भी गिना जाता है. दुनिया की सभी बड़ी वित्तीय संस्थाओं में भी अमेरिका का दबदबा है. जब कोई देश इकोनॉमिक क्राइसिस से घिरता है तो अमेरिका से मदद मांगता है. लेकिन वही अमेरिका आज खुद बेहहा होने की कगार पर है।

क्या वजह है दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका इन दिनों इकोनॉमिक क्राइसिस में घिरा हुआ है. अमेरिका का राजकोषीय भंडार खत्म होने की कगार पर है. यूएस ट्रेजरी ने तीन महीने पहले ही चेतावनी दी थी कि अमेरिकी सरकार ने कर्ज (उधार) लेने की तय सीमा को पार कर लिया है.

इसका मतलब यह है कि अमेरिकी सरकार के पास अब अपने बिलों का भुगतान करने और अपने कर्ज चुकाने के लिए खजाने में पैसे नहीं बचे हैं. ट्रेजरी की चेतावनी के बाद से ही अमेरिका लगातार कोशिश कर रहा है कि ट्रेजरी रिजर्व को बरकरार रखा जाए, जिससे सरकार अपने बिलों का पेमेंट जारी रख सके. लेकिन मुल्क की दोनों बड़ी पार्टियां इसका हल तलाश नहीं कर पाई हैं.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी पिछले हफ्ते खबरदार किया था कि अगर अमेरिका डिफॉल्ट होता है तो पूरे दुनिया में economic instability आ सकती है और इसके गंभीर नतीजा भुगतने पड़ सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की कम्यूनिकेशन डायरेक्टर जूली कोजैक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर अमेरिका डिफॉल्ट होता है तो इससे केवल अमेरिका को ही नहीं बल्कि Global Economy को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.”

अमेरिकी ट्रेजरी ने चेतावनी दी थी कि जून में बिलों का भुगतान करने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं होंगे. यूएस ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने अमेरिकी कांग्रेस को एक पत्र लिखते हुए सरकार को आगाह किया था कि खजाने में पैसे की कमी के कारण हम जून में अमेरिकी सरकार पर बकाया भुगतान नहीं कर पाएंगे. ऐसे में बाइडेन सरकार कर्ज लेने की सीमा को बढ़ाए, जिससे अगले महीने का बिल भुगतान किया जा सके।

International,Economic crisis , America, International Monetary Fund IMF, Shah Times शाह टाइम्स

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