खास बात यह है कि लौंग में विटामिन सी और फाइबर प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो पाचन एंज़ाइमों के स्राव बढ़ा देते हैं। यही वजह है कि लौंग की डिमांड मार्केट में हमेशा बनी रहती है।
मुजफ्फरनगर (Shah Times): हल्दी मिर्च की तरह लौंग भी रसोई के मसाले में अपनी अहम भूमिका निभाता है। इसके सेवन से शरीर को कई लाभ भी मिलते हैं। यह एक ऐसा औषधीय मसाला है, जिसे खाली पेट खाने से पाचन तंत्र तंदरुस्त रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं लौंग की फसल कैसे उगाई जाती है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं?
खास बात यह है कि लौंग में विटामिन सी और फाइबर प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो पाचन एंज़ाइमों के स्राव बढ़ा देते हैं। यही वजह है कि लौंग की डिमांड मार्केट में हमेशा बनी रहती है।
लौंग का उपयोग पूजा- पाठ में भी किया जाता है। साथ ही इससे सौन्दर्य प्रसाधन भी बनाए जाते हैं। सर्दी के मौसम में लौंग खाने से सर्दी, जुकाम और सर दर्द जैसी समस्याओं से निजात मिलती है। वहीं, एक शब्द में कहें तो लौंग एक ऐसा मसाला है, जिससे कई तरह की आयुर्वेदिक दवाइयां भी बनाई जाती हैं।
कैसे की जाती है लौंग की खेती
लौंग की खेती गर्म मौसम वाले इलाके में की जाती है। 30 से 35 डिग्री तापमान में लौंग के पौधा तेजी से ग्रोथ करते हैं। यही वजह है कि महाराष्ट्र के कोकण क्षेत्र में इसकी खेती अधिक की जाती है। अगर आप लौंग की खेती करना चाहते हैं, तो एक दिन पहले इसके बीज को पानी में भिगोकर रखें। इसके बाद बीज के ऊपर के छिलके को हटा दें और फिर बुवाई करें। 10 सेंटीमीटर की दूरी पर इसकी बुवाई की जाती है। वहीं, इसके खेत में हमेशा जैविक खाद का ही इस्तेमाल करें। पांच साल के बाद पौधों में लौंग के फल आने शुरू हो जाते हैं।
100 पेड़ से होगी लाखों की इनकम
लौंग अंगूर की तरह गुच्छों में लगते हैं। इसका कलर लाल और गुलाबी होता है। फूल खिलने से पहले इसकी तुड़ाई कर ली जाती है। एक पौधे से आप 2 से 3 किलो तक लौंग उत्पादित कर सकते हैं। अभी मार्केट में एक किलो लौंग का रेट 800 से 1000 रुपये के करीब है। अगर किसान भाई अपने खेत में 100 पौधे भी लगाते हैं तो वे 3 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं।