Report by: Nadeem Siddiqui
सीबीआई की पत्रावली से गायब हुए मूल दस्तावेज
मुजफ्फरनगर। उत्तराखंड आंदोलन (Uttarakhand movement) से जुड़े रामपुर तिराहा कांड (Rampur Tiraha incident) में सरकार बनाम मिलाप सिंह (Milap Singh) के केस की सुनवाई न्यायालय में जारी है। सीबीआई (CBI) की पत्रावली से मूल दस्तावेज गायब होने के बाद फोटोस्टेट पर गवाही कराने की सीबीआई (CBI) की याचिका के मामले में कोर्ट 11 अगस्त को फैसला सुनाएगा, हालांकि आरोपियों की ओर से इस मामले में लिखित आपत्ति दाखिल की गई थी।
दरअसल 29 साल पहले यूपी का हिस्सा रहा उत्तरांचल (Uttaranchal) के अलग राज्य गठन की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हुआ था। 1 /2 अक्टूबर 1994 की रात अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर दिल्ली की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को जनपद मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के रामपुर तिराहे पर नाकेबंदी करते हुए रोक लिया गया था। पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हुई तीखी जड़ों में फायरिंग के बाद 7 लोग मारे गए थे।
दैनिक शाह टाइम्स अपने शहर के ई-पेपर पढने के लिए लिंक पर क्लिक करें
इस मामले में थाना छपार पुलिस (Chhapar Police) ने अलग-अलग चार मुकदमे दर्ज किए थे। इस मामले में सीबीआई (CBI) ने भी जांच की थी विवेचना में कई महिलाओं से रेप के मामले सामने आए थे और आंदोलनकारी की हत्या के मामले में कई पुलिस कर्मियों को आरोपी बनाया गया था।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता परविंदर सिंह (Parvinder Singh) ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 7 शक्ति सिंह के न्यायालय में यह सुनवाई चल रही है सीबीआई (CBI) के विशेष अभियोजक ने कोर्ट को बताया था कि सीबीआई (CBI) की पत्रावली से मूल दस्तावेज गायब है याचिका दाखिल करते हुए फोटो स्टेट पर ही गवाही कराने की मांग की गई थी। जिस पर आरोपियों की ओर से लिखित में आपत्ति दाखिल कराई गई थी। इस मामले में कोर्ट में बहस पूरी हो गई है और शुक्रवार को इस पर फैसला सुनाया जाएगा।