कैंसर से पीड़ित लोगों को कीमोथेरेपी और रेडिएशन से बढ़ जाती है बायोलॉजिकल उम्र

कैंसर से पीड़ित लोगों को कीमोथेरेपी और रेडिएशन से बढ़ जाती है बायोलॉजिकल उम्र
कैंसर के इलाज में हुई प्रगति से ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की बचने की उम्मीद तो काफ़ी हद तक बढ़ गई है, लेकिन इलाज के नुकसानों पर एक नई स्टडी ने चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाले सामान्य इलाज जैसे कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी मरीजों की बायोलॉजिकल उम्र बढ़ा सकते हैं।

मुजफ्फरनगर (Shah Times): कैंसर के इलाज में हुई प्रगति से ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की बचने की उम्मीद तो काफ़ी हद तक बढ़ गई है, लेकिन इलाज के नुकसानों पर एक नई स्टडी ने चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाले सामान्य इलाज जैसे कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी मरीजों की बायोलॉजिकल उम्र बढ़ा सकते हैं।

नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, स्तन कैंसर से बचने वाली महिलाओं में, चाहे उन्होंने कोई भी उपचार लिया हो, सेलुलर एजिंग के संकेत काफी बढ़ गए हैं। इन संकेतों में डीएनए क्षति, कोशिका वृद्धावस्था और सूजन शामिल हैं। टीम के अनुसार, इन संकेतों से थकान, याददाश्त कम होना, कमजोरी और हृदय रोग जल्दी होने का खतरा बढ़ गया है। अध्ययन में कहा गया है कि बेहतर लक्ष्य निर्धारण और प्रबंधन के लिए विशिष्ट मार्गों को समझना महत्वपूर्ण है।

शोध की प्रमुख लेखिका, यूसीएलए में मनोचिकित्सा और बायोबिहेवियरल साइंसेज की एसोसिएट प्रोफेसर जूडिथ कैरोल ने बताया कि यह पहली बार है जब यह दिखाया गया है कि जो बायोलॉजिकल उम्र बढ़ने के संकेत पहले कीमोथेरेपी से जुड़े माने जाते थे, वे अब रेडिएशन और सर्जरी से गुजर रही महिलाओं में भी दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने उम्मीद की थी कि कीमोथेरेपी से उम्र दर बढ़ने वाले जीन अधिक एक्टिव होंगे, लेकिन हमें हैरानी तब हुई जब हमने पाया कि केवल रेडिएशन या सर्जरी से गुजरने वाली महिलाओं में भी समान परिवर्तन हो रहे थे।

ब्लड सेल्स में देखे गए जीन के बदलाव

उन्होंने बताया कि हमने सोचा था कि केमोथेरेपी लेने वाली महिलाओं की उम्र तेजी से बढ़ेगी, लेकिन हमें यह देखकर हैरानी हुई कि सिर्फ रेडिएशन या सर्जरी लेने वाली महिलाओं की भी उम्र तेजी से बढ़ रही थी। टीम ने आरएनए सीक्वेंसिंग का उपयोग करते हुए रक्त कोशिकाओं में जीन में आने वाले बदलाव पर नजर रखी। इसके साथ ही उम्र बढ़ने के संकेत देने वाले मार्करों पर ध्यान केंद्रित किया। टीम ने कहा कि शोधकर्ताओं ने पाया कि डीएनए क्षति होने पर कुछ जीन्स सक्रिय हो जाते हैं। हालांकि कीमोथेरेपी का पैटर्न थोड़ा अलग था,लेकिन उन्होंने उन महिलाओं में भी बदलाव देखा, जिन्होंने कीमोथेरेपी नहीं ली थी।

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