आखिरकार बिजनौर का विवादित मदरसा सील

कक्षा आठ तक की मान्यता के विपरीत आलिमा का कोर्स पढ़ाने व छात्रावास की अनुमति नहीं दिखा पाए जामियातुल बनात दारूल उलूम मदरसा संचालक


बिजनौर,(Shah Times)। आलिमा का कोर्स कर रही बिना मां की मासूम बेटी के साथ रात के सन्नाटे के बीच दरिंदगी को लेकर चर्चाओं में आए मौलाना शाहनवाज के विवादित मदरसा जामियातुल बनात दारूल उलूम को आज प्रशासन, पुलिस एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की संयुक्त टीम ने सील कर दियाx। मदरसे को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की सुपुदर्गी में दे दिया गया है।


गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जनपद की नाबालिग छात्रा के साथ मदरसा संचालक मौलाना शाहनवाज के बेगावाला पुलिस चौकी क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बुरहानुद्दीनपुर में स्थित मदरसे में उसके शादीशुदा पुत्र उस्मान उर्फ डॉक्टर हसन उर्फ कल्लू ने दरिंदगी की थी। जिसके बाद यह मदरसा विवादों में आ गया था। इस मदरसे को कक्षा एक से आठ तक के लिए फौकानिया श्रेणी के अंतर्गत अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से 14 अगस्त सन् 2008 को मान्यता मिली थी। छात्राओं के इस मदरसे को शिक्षा विभाग से यूडाइज कोड संख्या 09030917002 मिला था। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक इस मदरसे में अध्यनरत छात्राओं की संख्या 105 थी। इस मदरसे में सरकार की बिना अनुमति के छात्राओं के लिए छात्रावास भी बना लिया गया था। मदरसा परिसर में ही मौलाना शाहनवाज के बेटों सहित पूरा परिवार रहता था। छात्राओं की सुरक्षा के लिए महिला वार्डन भी नियुक्त नहीं की गई थी।

आलिमा की छात्रा के साथ मदरसा संचालक के विवाहित पुत्र द्वारा दरिंदगी करने का मामला सुर्खियों में आने के बाद प्रशासन ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से पूरा रिकार्ड मंगा कर इसकी जांच की। नायब तहसीलदार सदर फैसल कमर के द्वारा सभी अभिलेखों की जांच की गई।


इसी क्रम में आज मदरसा जामियतुल बनात दारूल उलूम को सील कर दिया है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नौशाद हुसैन के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आज मदरसा जामियतुल बनात दारूल उलूम ग्राम बुर्हानुद्दीनपुर, विकास खण्ड मौहम्मदपुर देवमल का उप जिलाधिकारी सदर मनोज कुमार के नेतृत्व में निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय नायब तहसीलदार सदर फैसल कमर, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नौशाद हुसैन, शहर कोतवाली के थाना प्रभारी उदय प्रताप, क्षेत्रीय लेखपाल परवीन निहाल एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के वरिष्ठ सहायक मौहम्मद साजिद उपस्थित थे।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि उक्त मदरसा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से (फौकानिया स्तर ) कक्षा आठ तक मान्यता प्राप्त है । मदरसे में कक्षा आठ तक की शिक्षा से इतर छात्राओं को आलिमा का कोर्स भी कराया जाता है तथा बाहरी छात्राएं मदरसे में बने छात्रावास में ही रहती है।

निरीक्षण में मदरसा संच. लक से आलिमा के कोर्स तथा छात्रावास के बारे में पूछताछ की गई तथा प्रपत्र दिखाने को कहा गया, संचालक द्वारा कोई प्रपत्र न दिखाए जाने पर आलिमा के कोर्स से संबंधित कक्षाएं तथा छात्रावास, जिसके अंतर्गत कुल तीन दरवाजें व एक लोहे के चैनल को उपजिलाधिकारी सदर व प्रभारी निरीक्षक शहर कोतवाली की उपस्थित में सील करके चाबियां जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को सौंपी गई।


दूसरी तरफ प्रशासन की इस कार्यवाही से जनपद में अवैध रूप से चल रहे अन्य शिक्षण संस्थानों के संचालकों में खलबली मच गई है। जनपद में ऐसे कई शिक्षण संस्थान चल रहे है, जिनकी मान्यता कम कक्षाओं की है और उसमें अधिक बच्चे अध्ययन करते है।

जनपद में संचालित छात्रावासों की भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इन छात्रावासों में छात्रों व छात्राओं की सुरक्षा की क्या व्यवस्था है, इसकी भी जांच नहीं हो पाती है। घरों में छात्रावास बना लिए गए है। अगर जनपद में इस तरह के शिक्षण संस्थानों व छात्रावासों की जांच हो जाए, तो काफी अनियमितताएं सामने आ सकती है।

Finally, the controversial madrasa of Bijnor was sealed

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