2 मार्च 2013 को शाम 7:30 बजे ज़मीन के विवाद के कारण कुंडा के बलीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रधान के समर्थक हथियारों से लैस होकर बलीपुर पहुंच गए थे और कामता पाल के घर को आग के हवाले कर दिया था।
प्रतापगढ़ (Shah Times): बड़ी खबर उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से सामने आ रही है। सीओ जियाउल हक हत्याकांड के आरोपियों को ,जा का ऐलान हुआ है। सभी 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही सभी पर 19,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस जुर्माने की आधी रकम सीओ (डिप्टी एसपी) जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद को दी जाएगी। ये आदेश सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने दिया है।
सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने सुनाया फैसला
सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज धीरेंद्र कुमार ने सभी 10 आरोपियों को ये सजा सुनाई है। जिसमें फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटे लाल यादव, राम आसरे, पन्नालाल पटेल, शिवराम पासी और जगत बहादुर पटेल उर्फ बुल्ले पटेल शामिल हैं। इससे पहले पांच अक्टूबर को सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने इन सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था।
2013 का है यह मामला
2 मार्च 2013 को शाम 7:30 बजे ज़मीन के विवाद के कारण कुंडा के बलीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रधान के समर्थक हथियारों से लैस होकर बलीपुर पहुंच गए थे और कामता पाल के घर को आग के हवाले कर दिया था।
गोली मारकर की थी हत्या
सीओ कुंडा जियाउल हक, तत्कालीन हथिगवां एसओ मनोज कुमार शुक्ला और कुंडा एसओ सर्वेश मिश्र, पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। भीड़ ने पुलिस को घेर लिया। सीओ उग्र भीड़ को समझा रहे थे कहासुनी का दौर चल रहा था कि प्रधान नन्हे यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई।