सेना के अधिकारियों ने कहा कि इन अवशेषों को भारतीय थलसेना के ‘डोगरा स्काउट्स’ और ‘तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू’ के कर्मियों वाली एक संयुक्त टीम ने ढूंढा।
रोहतांग (Shah Times) कहते हैं कि जो चीज जब होनी होती है तभी होती है। हिमाचल में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। हिमाचल प्रदेश के रोहताग दर्रा में 56 साल पहले एक भारतीय वायुसेना का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। दुर्घटनाग्रस्त होने के 56 साल बाद इस विमान में सवार चार और शवों के अवशेष बरामद हुए हैं।
सेना के अधिकारियों ने दी जानकारी
सेना के अधिकारियों ने कहा कि इन अवशेषों को भारतीय थलसेना के ‘डोगरा स्काउट्स’ और ‘तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू’ के कर्मियों वाली एक संयुक्त टीम ने ढूंढा। तीन शवों के अवशेष मलखान सिंह, सिपाही नारायण सिंह और शिल्पकार थॉमस चरण के हैं।
1968 में हुआ था लापता
दो इंजन वाला परिवहन विमान सात फरवरी 1968 को चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरने के बाद, लापता हो गया था. उसमें 102 लोग सवार थे. एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एक असाधारण घटनाक्रम में, 1968 में रोहतांग दर्रा पर दुर्घटनाग्रस्त हुए एएन-12 विमान से कर्मियों के अवशेष बरामद करने के लिए जारी तलाश अभियान एवं बचाव मिशन को महत्वपूर्ण सफलता मिली है।
इस रेजिमेंट ने चलाया अभियान
वर्ष 2003 में, अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोहियों ने विमान का मलबा ढूंढ लिया। इसके बाद, इन वर्षों में सेना और खासतौर पर डोगरा स्काउट्स ने कई बार खोज अभियान चलाया। डोगरा स्काउट्स 2005, 2006, 2013 और 2019 में तलाश अभियानों में अग्रिम मोर्चे पर रहा।