ऋषि सुनक के बाद अब लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर ने किंग्सबरी भी स्वामीनारायण मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की।
London,(Shah Times) । ब्रिटेन में जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है। वैसे ही चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है। अब वहां की राजनीति भी हिंदुओं पर आकर ठहर गई है। वैसे तो यूके में 5 करोड़ वोटर हैं। लेकिन वहां इस चुनाव में हिंदू अहम भूमिका निभाने वाले हैं।
दरअसल आप इस बात से अंदाज़ा लगा सकते हैं की ब्रिटेन में 2 दिन पहले ही कंजरवेटिव पार्टी के पीएम पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक अपनी पत्नी के साथ स्वामीनारायण मंदिर पहुंचे, वहां उन्होंने हिंदू शब्द पर काफी जोर दिया। सुनक ने पूजा-पाठ के बाद कहा कि मैं हिंदू हूं और अपनी आस्था से प्रेरणा लेता हूं। इस दौरान सुनक ने ये भी कहा कि भगवत गीता पर शपथ लेने पर उन्हें गर्व है।
वहीं, सुनक के बाद अब लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर ने किंग्सबरी भी स्वामीनारायण मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की। इस दौरान उन्होंने स्वामीनारायण का जयकारा लगाया और कहा कि ब्रिटेन में हिंदूफोबिया के लिए कोई जगह नहीं।
जानकारी के मुताबिक वैसे तो ब्रिटेन में हिंदुओं की संख्या 10 लाख के आसपास है, लेकिन ये चुनाव में काफी अहम रोल प्ले करने वाले हैं। 2022 की जनगणना के अनुसार ब्रिटेन में 10 लाख से अधिक हिंदू लोग रहते हैं। 2011 में ब्रिटेन की जनसंख्या में डेढ़ प्रतिशत हिंदू रहते थे तो वहीं साल 2021 में यह प्रतिशत बढ़कर 1.7 फीसदी हो गया। ईसाई और मुस्लिमों के बाद हिंदू वहां का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ब्रिटेन में उद्योगपतियों से लेकर डॉक्टर, इंजीनियर तक हर क्षेत्र में हिंदू समुदाय का योगदान है।
हिंदू समुदाय वहां का सबसे प्रभावी समुदाय है। इसलिए अगर हिंदू चाहें तो बाकी समुदायों के लोगों को प्रभावित कर चुनाव का आंकड़ा बदल सकते हैं, इसलिए सभी पार्टियों के नेता इस समय हिंदुओं पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। जनगणना के अनुसार, ज्यादातर हिंदू ग्रेटर लंदन और साउथ ईस्ट में रहते हैं। यूनाइटेड किंगडम के 3 अन्य देशों में 50,000 से भी कम हिंदू आबादी है। 19वीं शताब्दी की शुरुआत से ही हिंदू यूनाइटेड किंगडम में बसने लगे थे। यह वो समय था जब भारत ब्रिटिश अंपायर का हिस्सा था।
ब्रिटेन में मंदिरों की संख्या
आपको बता दें कि 2015 तक के आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन में कुल 189 हिंदू मंदिर हैं, जबकि 2001 तक केवल 109 मंदिर थे। ब्रिटेन के हिंदुओं का कहना हैं कि वहां 423 ऐसे संगठन हैं, जो हिंदुओं रीति रिवाज के प्रति जागरूक करते रहते हैं। बताया जाता है कि 1960 के दशक में ब्रिटेन में पहला मंदिर-राधा-कृष्णा मंदिर नाम से बनाया गया था। लंदन में ब्रिटेन का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है स्वामीनारायण मंदिर। जहां दोनों पार्टियों के नेता अब पूजा-पाठ करने जा रहे हैं।
हिंदुओं की ब्रिटेन सरकार से मांग
बताया जा रहा है कि चुनाव से पहले ही हिंदुओं ने नई सरकार के लिए अपनी मांगों को लेकर मैनिफेस्टो जारी किया है। ऐसा पहली बार है कि ब्रिटेन के हिंदुओं ने 32 पेज का घोषणापत्र बनाया है। हिंदू संगठनों ने कहा, ये मैनिफेस्टो उन सभी दलों के राजनेताओं के लिए है, जो उनका वोट पाना चाहते हैं। यह मसौदा ‘हिंदू फॉर डेमोक्रेसी’ संगठन ने जारी किया है। इनकी मुख्य मांग हिंदुओं के खिलाफ नफरत रोकना और मंदिरों की सुरक्षा शामिल है। इस घटना के बाद से ही सभी पार्टी के नेता हिंदुओं को हर तरीके से लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि अगर वहां हिंदू रूठ गए तो उन्हें काफी नुकसान हो सकता है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक खुद भारतीय मूल के हैं और हिंदू भी हैं, इसलिए इस बार उन्हें इसका फायदा मिल सकता है, क्योंकि ब्रिटेन के 10 लाख हिंदुओं का प्रभाव केवल अपने तक ही सीमित नहीं हैं, उनका नेटवर्क काफी बड़ा और मजबूत है। इसी वजह से ब्रिटेन में हिंदुओं का फायदा सुनक को मिल सकता है।
चुनाव से पहले हुए अभी तक के सर्वों में सुनक पीछे चल रहे हैं, लेकिन कंजर्वेटिव पार्टी को पूरा भरोसा है कि ब्रिटिश हिंदू उनके साथ रहेंगे। इसलिए ब्रिटेन के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री के तौर पर वह ब्रिटिश भारतीयों को अपने पाले में लाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ब्रिटिश फ्यूचर थिंक टैंक के डायरेक्टर का कहना है कि कंजर्वेटिव पार्टी के साथ एक चीज बड़ी सकारात्मक है कि उनके पास ब्रिटिश भारतीय नेता ऋषि सुनक हैं। फिलहाल, इस बात से यह तय नहीं किया जा सकता कि मतदाता नेता की पृष्ठिभूमि के आधार पर ही वोट करेंगे। हां, इतना जरूर है वह उसका फायदा उठा सकते हैं।