आखिर ईरान ने सऊदी, जॉर्डन और UAE को किस बात पर धमकाया ?

ईरान ने सऊदी, जॉर्डन, यूएई को इज़रायल की मदद करने को लेकर दी धमकी।

New Delhi,(Shah Times)।ईरान ने अभी तक इजरायल पर सीधा हमला नहीं किया है. अब इजरायल कह रहा है कि अगर उसे ईरान की तरफ से हमला किए जाने के सबूत मिले तो वो चुप नहीं बैठेगा. कुल मिलाकर ईरान और इजरायल के बीच जंग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता जिसके चलते अब इजरायल में सेना से लेकर जनता तक ईरान के हमले की तैयारी कर रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि ईरान जल्द ही इजरायल के अंदर हमला कर सकता है। पिछले कुछ घंटों में तेजी से बने हालात इस ओर इशारा कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मिस्र ने अपनी एयरलाइंस के विमानों को कुछ घंटों के लिए ईरानी क्षेत्र से उड़ान न भरने को कहा है। जॉर्डन ने भी अपने यहां आने वाले विमानों से 45 मिनट का अतिरिक्त ईंधन रखने को कहा है। बुधवार को सऊदी अरब के जेद्दा में इस्लामिक सहयोग संगठन यानी (OIC) के देशों की असाधारण बैठक हुई, जिसमें ईरान इजरायल पर हमले की बात करते हुए अरब देशों को भी धमकी दे डाली। ये बैठक ईरान के अनुरोध पर ही बुलाई गई थी।

मुस्लिम देश करे ईरान का समर्थन

सऊदी अरब में हुई मीटिंग में ईरान ने बाकी देशों को युद्ध से अलग रहने की सलाह दी। कहा, अगर कोई हमें रोकने की कोशिश करेगा तो ईरान उन पर कार्रवाई करेगा। ईरान ने कहा कि तेहरान में हमास चीफ की हत्या कर इजरायल ने हमारी संप्रभुता का उल्लंघन किया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बता दें कि ईरान ने जिन देशों को सीधे तौर पर धमकी दी है, दरअसल, ये देश कहीं न कहीं इजरायल का समर्थन करते हैं। जब अप्रैल में इजरायल के ऊपर 300 से ज्यादा मिसाइलें दागीं गई थीं, तब इजरायल ने अमेरिका और अन्य देशों की मदद से हमले को नाकाम कर दिया था। जॉर्डन और सऊदी अरब ने भी इजरायल का साथ दिया था।

हमास चीफ की मौत के बाद बिगड़े हालात

अपको बता दें कि पिछले दिनों हमास चीफ इस्माल हनिया तेहरान में ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आए थे। इस दौरान ही इजरायल के हमले में उनकी मौत हो गई। ऐसा ईरान लगातार आरोप लगाता आ रहा है।

ईरान को नही मिला मुस्लिम देशों का समर्थन

दरअसल बीती 31 जुलाई को तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या पर सऊदी अरब और यूएई जैसे प्रमुख अरब देशों ने कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दिखाई थी। सऊदी अरब ने तो एक सप्ताह बाद ओआईसी की बैठक में पहली बार इस पर टिप्पणी की। इस दौरान उसने हानिया की हत्या को ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया। सऊदी अरब के प्रभाव वाले ओआईसी की बैठक में ईरान को जैसी उम्मीद थी, हानिया की हत्या पर उस तरह से तीखी बयानबाजी नहीं देखने को मिली। हालांकि, संयुक्त बयान में हत्या के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी निंदा की गई है।

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