कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम लेते ही सभी डर जाते हैं। क्योंकि कैंसर को एक लाइलाज बीमारी के नाम से जाना जाता है। और आजकल यह बीमारी बहुत से लोगों में पाई जा रही है जिसका अभी तक इलाज भी नहीं मिल पाया। इसी के साथ दुनियां में कैंसर को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल एक डॉक्टर को उसके मरीज से ही कैंसर हो गया है। पहली बार दुनिया में इस तरह का मामला सामने आया है।
रिपोर्ट्स की मानें तो मरीज को पेट में कैंसर था। इस ट्यूमर को निकालने के लिए मरीज का ऑपरेशन किया गया। सर्जन जब ऑपरेशन कर रहे थे तो उस दौरान उनके हाथ में एक कट लग गया। हालांकि इसके बाद उन्होंने तुरंत ही डिसइंफेक्ट कर बैंडेज कर दिया। लेकिन ऑपरेशन के लगभग 5 महीने बाद जहां पर हाथ कटा था उस जगह पर एक छोटी सी गांठ बन गई।
जब इस गांठ की जांच की गई तो पता लगा कि ये एक खतरनाक ट्यूमर है, जो बिल्कुल वैसा ही था जैसा मरीज के पेट में था। एक्सपर्ट्स ने जांच में पाया कि ये ट्यूमर मरीज के कैंसर से जुड़े ट्यूमर सेल्स की वजह से हुई है।
मरीज से डॉक्टर को कैसे हुआ कैंसर
मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान मरीज के ट्यूमर के सेल्स डॉक्टर के कटे हुए हाथ के जरिए उनके शरीर में पहुंच गईं। आम तौर पर, जब किसी शरीर में बाहरी टिशू या सेल्स प्रवेश करती हैं, तो शरीर की इम्यूनिटी उन्हें नष्ट कर देती है। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ, बल्कि डॉक्टर के शरीर की इम्यूनिटी ट्यूमर सेल्स को नष्ट करने में फेल हो गई। ओर वह डॉक्टर इस बीमारी का शिकार हो गए।
मेडिकल इतिहास की दुर्लभ घटना
यह दुर्लभ घटना पहली बार 1996में दर्ज की गई थी। इसे हाल ही में ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित किया गया है। इस प्रकार के कैंसर को ‘मैलिग्नेंट फायब्रस हिस्टियोसाइटोमा’ कहा जाता है। यह सॉफ्ट टिशू में विकसित होता है।विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामले बहुत ही दुर्लभ होते हैं। आमतौर पर शरीर बाहरी टिशू को स्वीकार नहीं करता। लेकिन इस मामले में डॉक्टर का इम्यून सिस्टम कमजोर साबित हुआ।
अब कैसी है डॉक्टर की स्थिति
डॉक्टर के ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटा दिया गया। दो साल बाद भी उनके शरीर में कैंसर वापस नहीं आया है। यह घटना कैंसर रिसर्च के लिए नई दिशा प्रदान कर रही है।यह दुर्लभ मामला मेडिकल जगत में एक नई बहस और शोध का कारण बन गया है। इससे कैंसर के ट्रांसफर और इम्यून सिस्टम की भूमिका को समझने में मदद मिलेगी।